नागौर का श्री रामदेव पशु मेला, पशुओं की खरीद-फरोख्त से पहले मांगी जाती है मंदिर में मन्नत

श्री रामदेव जी पशु मेला राजस्थान के नागौर में आयोजित होता है। पशुपालक इस मेले में पशुओं की खरीद-फरोख्त से पहले रामदेव जी के मंदिर में मन्नत मांगते है। इस मेले में नागौरी नस्ल के बैलों की बड़ी मात्रा में बिक्री होती है।   

श्री रामदेव पशु मेले के बारे में मान्यता है कि मानसर गांव के भू-भाग पर रामदेव जी की मूर्ति स्वतः ही निकली थी। बाद में श्रद्धालुओं ने यहां एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया। तब से ये आस्था का केंद्र बन गया। मेले में आने वाला पशुपालक इस मंदिर में जाकर पहले अपने पशुओं के स्वास्थ्य की मनौती मांगता है और उसके बाद उनकी खरीद-फरोख्त करते है। आजादी के बाद से मेले की लोकप्रियता को देखकर राज्य के पशु पालन विभाग इसे राज्यस्तरीय पशु मेलों में शामिल किया तथा फरवरी 1958 से पशुपालन विभाग इस मेले का संचालन किया जा रहा है। 


यह पशु मेला प्रतिवर्ष नागौर शहर से पांच किलोमीटर दूर मानसर गांव में माघ शुक्ल पड़वा यानि प्रथम तिथि से माघ शुक्ल पूर्णिमा तक लगता है। मारवाड़ के लोकप्रिय नरेश स्वर्गीय उम्मेद सिंह को इस मेले का प्रणेता माना जाता है। इस मेले में नागौरी नस्ल के बैलों की बड़ी मात्रा में बिक्री होती है।

दो से 11 फरवरी तक चलेगा मेला

नागौर में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय रामदेव पशु मेले को लेकर संशय समाप्त हो गया है। मेला दो फरवरी से 11 फरवरी 2022 तक कोरोना गाइडलाइन के तहत आयोजित किया जाएगा। 

तय कार्यक्रम के अनुसार, राज्य स्तरीय श्री रामदेव पशु मेले का औपचारिक शुभारम्भ 2 फरवरी 2022 को जिला कलक्टर झंडारोहरण करके करेंगे। मेला मैदान में लगने वाले मेला बाजार के लिए पशुपालन विभाग की ओर से 100 अस्थायी दुकानों की नीलामी की गई है। साथ ही मेला मैदान में पशुओं के लिए बने पानी के हौदों की मरम्मत करवा दी गई है और इनमें पानी भर दिया गया है। इस मेले के आयोजन को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विभाग के मंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखा एवं अधिकारियों से बात की। उधर, डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष हनुमान बांगड़ा ने भी मंत्री से बात कर मेला आयोजित करने की अनुमति देने की मांग की थी, जिस पर पशुपालन विभाग ने मेला आयोजन की स्वीकृति जारी कर दी है। मेला आयोजन की स्वीकृति मिलने से पशुपालकों व किसानों को बड़ी राहत मिली है।

मेले को लेकर चौकियों की स्थापना एक फरवरी को की जाएगी। मेले में 6 से 11 फरवरी तक प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। 11 फरवरी को पारितोषिक वितरण समारोह होगा।

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